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मॉनसून
की पहली बारिश की वो याद आज भी मुझे कई बार सोचने पर मजबूर कर देती है| जून का महीना चल रहा था, उन दिनो मैं काम के सिलसिले में
पंजाब आया हुआ था| जब
पहुंचा तो यहां की गर्मी देखकर ही मेरे पसीने छुट गए| क्योकि ना तो मैं पंजाब कभी
पहले आया था और ना ही यहां की गर्मी का सामना किया था| हमेशा शरू से ही हिमाचल का रहने
वाला था| बस यू कह
लो की काम बहुत जरूरी था इसलिए वापिस जाने का सवाल भी नही उठता था| पता नही वो दिन मैनें कैसी
मुश्किल में काटे| गर्मी से
मेरा हाल बेहाल हो चुका था| मुझसे इस
गर्मी में कोई भी काम नही हो पा रहा था|अब तो भगवान से प्राथना करने लग गया
था कि जल्दी से यह दिन बीते और मैं वापिस अपने घर जा सकू| एक दिन काम पर जाने के लिए
निकला ही था कि तभी मुझे मेरे पड़ोस में रहने वाला एक किसान मिला| मैंने उनसे जाकर पूछा की आपको
इस गर्मी से कोई फर्क नही पड़ता,आप इतनी गर्मी में भी काफी खुश दिखाई दे
रहे है ? आप इतनी गर्मी में कैसे खेती कर लेते है| इस बात पर वह बोले
"बेटा यह तो मौसम ऋतु है,
चाहे सर्दी हो या गर्मी.. इन्होने तो
अपने समय अनुसार आना ही है लेकिन जब तक मॉनसून नही आ जाता हमारे लिए तो कुछ अच्छा
नही है| क्योकि हमारी गर्मियो की फसल मॉनसून पर निर्भर होती है| इसलिए बेटा हमें तो
सिर्फ सावन का ही इंतजार है| किसान की यह बाते सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई कि आज हमारे जैसे
नौजवान कोई भी काम करने के लिए इतनी जल्दी घबरा जाते है| और एक यह किसान है
जो पूरा खून पसीना लगाकर हमारे लिए फसल को तैयार करते है| बस जैसे तैसे जून
का आखिरी महीना आ चुका था और मेरे वापिस लौटने का समय भी हो चुका था| मैं वापिस जाने के
लिए घर से बाहर निकला ही था कि अचानक आकाश की तरफ नज़र पड़ी तो देखा की काले घने
बादल घिर आए थे| ठंडी हवाए मन को सहला रही थी| मैने दूसरी तरफ किसान की ओर देखा तो
मेरे लिए वह एक नया अनुभव सा बन चुका था| किसान के लिए मॉनसून की पहली बारिश की
एक-एक बूंदे हीरे की तरह आसमान से उतर रही थी| उस किसान के चेहरे पर एक अलग सी खुशी
दिख रही थी| मानो जैसे उसे अपना नया जीवन मिल गया हो| यह नज़ारा देख मेरे
मन को बहुत शांति मिली| मुझे उस सावन की पहली बारिश ने यह एहसास जरूर करवा दिया कि जिदंगी
में जो सच्चे मन से काम करते है उन्हे उनका फल जरूर प्राप्त होता है| बस उस दिन के बाद
हर सावन की पहली बारिश मुझे उन दिनो की यादो में वापिस ले जाती है|
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