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कहानियां: जिदंगी में शिक्षा का महत्व

जिदंगी में शिक्षा का महत्व

जीवन में पढ़ाई से कभी दूर नही भागना चाहिए क्योकि यही मानव को एक नई पहचान देती है

यह उन दिनो की बात है जब में छठी कक्षा में हुआ करता था| उस समय में और मेरा मिञ राजन हम दोनो एक ही कक्षा मे हुआ करते थे| मुझे पढ़ने-लिखने का काफी शौक होता था लेकिन मेरे मिञ को पढ़ाई को लेकर बिलकुल भी चिन्ता नही होती थी| मैं उससे जब भी विद्यालय में मिलता तो उसे यह बात रोज़ समझाता की अभी से पढ़ना शरू कर दे...नही तो आगे जाकर बहुत मुश्किल होगी लेकिन वह मुझे सिर्फ एक ही जवाब देकर टाल देता की ""अभी तो बहुत समय है,आराम से पढ़ लेगें"".. यही बात केवल में ही नही बल्कि इसी बात को लेकर उसके माता-पिता भी उसे हर दिन समझाते की अभी से ही अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर नही होएगा...तो आगे जाकर जिदंगी में कई कठिनाईयो का सामना करना पड़ेगा,लेकिन उस पर अपने परिवार की बात का भी कोई असर नही होता था| बस धीरे-धीरे वह शिक्षा को लेकर बहुत पीछे होता गया| वह जिस खुद के बनाए हुए नकशे कदम पर चल रहा था उससे तो मुझे भी देखकर लगने लगा था की इस बात को वह भूला चुका है की शिक्षा हमारे जीवन में कितनी महत्वत्ता रखती है| बस इसी तरह समय का चक्र चलता गया और आखिर में जब रिज़ल्ट आया तो अपने रिजल्ट को देखकर वह आशचर्य में पड़ गया क्योकि इस बार वह परीक्षा में फेल हो चुका था और अध्यापिका ने भी गुस्से मे उसके पिता जी को बुलाकर उसकी शिकायते करनी शरू कर दी और बोली की ""यह जिंदगी में कुछ नही कर सकता, इसे चाय बेचने की दूकान पर लगाओ, जब वहाँ पर बर्तन मांजेगा तब जाकर इसे शिक्षा की अहमियत मालूम पड़ेगी"" बस उसी एक दिन ने मेरे दोस्त की जिदंगी की एक नई शरूआत कर दी,उसे अपने आप से बड़ी शर्मिदगीं महसूस हुई की मेरी वजह से मेरे पिता जी को कितनी बाते सुननी पड़ी|.. यदि उन दिनो मैने पढ़ाई को लेकर अपने माता-पिता की बात मानी होती तो आज मुझे यह दिन ना देखना पड़ता| तो फिर कहते है ना कि ""जब जागो तब सवेरा"" बस उसी दिन से उसने ठान लिया की जिदंगी में शिक्षा से कभी दूर नही भागना चाहिए| क्योकि यही शिक्षा आदमी को समाज में एक मुख्य पहचान और एक कामयाब इंसान बनाती है|


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