आज अगर हम अपने देश भारत की बात करे तो यह देश की महंगाई लगभग दिन-प्रतिदिन ऊंचाईयो के कदम चुमती जा रही है। जिसका असर न तो किसी अमीर व्यक्ति पर और न ही किसी राजनीतिक नेता के ऊपर पड़ रहा है। अगर पड़ेगा तो वह हमारे जैसे आम आदमी पर, जो दिनभर कड़ी धूप में मेहनत कर रहा है, ताकि शाम को अपने घरवालो का पेट भर सके। लेकिन जिस तरह से देश में महंगाई बढ़ रही है। उससे यह साफ नज़र आ रहा है कि हमारे देश में गरीबो की संख्या में कमी तो क्या आएगी बल्कि बढ़ोत्तरी होती जाएगी। आज हमारे प्रधानमंत्री बड़े-बड़े आश्वासन देकर किनारे हो जाते है, लेकिन कभी खुद से इस महंगाई को कम करने पर गौर किया है। नहीं, क्योंकि हमारे देश के राजनेताओं को अच्छे से मालूम है कि हमारे देश के लोग इतने अकलमंद है कि उनका झुठे आश्वासन से ही पेट भर जाता है, इसलिए देश को तरक्की की ओर ले जाकर क्या फायदा। वहीं हमारे नौजवान भी राजनीति से कोसो दूर है और न ही इसमें कदम रखना पसंद करते है। जबकि उनकी इस देश को बेहद जरूरत है। क्योंकि जो काम हमारे देश का नौजवान कर सकता है, वह कोई बुढ़ा नेता नहीं कर सकता। जो आज कमान संभाले घूम रहा है।
आज की राजनीति में बहुत से बदलाव करने बेहद जरूरी है। क्योंकि आज जितने भी राजनीतिक दलों के नेता है, वह सभी बुजुर्ग है और हमारे देश की कमान ऐसे लोगों के हाथो में है जो कि कोई क्रीमिनल है, या फिर कोई अनपढ़, जिसे अच्छे से पढ़ना भी नहीं आता। जिन्हे खुद एक सहारे की जरूरत है, वह देश को संभालते हुए नज़र आ रहे है। इसलिए सभी नेताओं की उम्र लगभग 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और सभी ग्रैजुएट होने चाहिए। ताकि वह देश में हो रही गतिविधियों को पूर्ण रुप से संभाल सके। जिस दिन हमारे देश की कमान अनपढ़ और क्रिमिनल लोगों से हटाकर पढ़े-लिखे नौजवानो के हाथो में दी जाएगी। उस दिन हमारे देश के लोग अपने नौजवानो पर गर्व महसूस करेंगे।
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